डायरेक्टर जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विस टेक्स इंटेलिजेंस विभाग (DGGI) ने राजस्थान में बड़ी कार्रवाई की है.
DGGI ने राजस्थान में बड़ी कार्रवाई करते हुए 1004 करो़ड रुपए के फर्जी इनवॉइस जारी करने गैंग का भंडा फोड़ा है. कार्रवाई में 146 करोड़ रुपए का फर्जी इनपुट टेक्स क्रेडिट लेने के मामले में गैंग के सरगना विष्णु शर्मा समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.
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January 24, 2021, 6:47 PM IST
DGGI ने फर्जी इनवॉइस गिरोह के सरगना विष्णु गर्ग के साथ साथ चार्टेड अकाउंटेंट भगवान सहाय, महेन्द्र सैनी, बद्री लाल मीणा और प्रदीप दयानी को गिरफ्तार किया गया है. डीजीजीआई ने इस गिरोह की 25 फर्जी फर्मों का भी पर्दाफाश किया है. गिरोह द्वारा 1004 करोड़ रुपए के फर्जी इनवॉइस जिन कागजी कंपनियों के नाम पर बनाए हैं उनमें मैसर्स विकास ट्रेडिंग कंपनी, मैसर्स श्याम ट्रेडर्स, मैसर्सविनायक एसोसिएट्स, मैसर्स एस.पी. इंटरप्राइजेज एंड कॉर्पोरेशन शामिल हैं.
DGGI जयपुर जोन के एडीजी राजेन्द्र कुमार ने बताया कि फर्जी इनवाइस गिरोह के मास्टर माइंड विष्णु गर्ग ने राजस्थान, मध्यप्रदेश और तेलांगना की 200 से ज्यादा फर्मों को इस कारोबार में शामिल कर रखा था. डीजीजीआई की जांच में खुलासा हुआ है की गिरोह की 25 फर्मों में से अब तक 21 फर्में सिर्फ कागजों पर पाई गई हैं. जिनका कोई वास्तविक अस्तित्व ही नहीं हैं. डीजीजीआई ने आरोपी विष्णु गर्ग के ठिकानों से चार करोड़ रुपए से ज्यादा जब्त किए हैं। आरोपियों के खिलाफ जीएसटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है.
DGGI कर सकती है ज्वैलर्स समूह के कारोबार की जांचजयपुर में रिएल एस्टेट एवं जैम्स एंड ज्वैलरी कारोबारियों पर आयकर छापे की कार्रवाई के बाद केन्द्रीय जांच एजेन्सियां सक्रिय हो गई हैं. आयकर छापों में जैम्स एंड ज्वैलर्स कारोबारी के ठिकानों पर मिली एंटिक व बेशकीमती ज्वैलरी पर डीजीजीआई पैनी नजर रख रही है. DGGI राजस्थान कारोबारी समूह के ठिकानों पर मिली एंटिक आइटम्स, जैम्स एंड ज्वैलरी, प्रीसियस एंड सेमी प्रीसीयस स्टोन के अवैध धंधे पर कार्रवाई कर सकती है. डीजीजीआई एडीजी ने कहा है की जैम्स एंड ज्वैलरी के साथ साथ प्रीसियस एंड सेमी प्रीसियस स्टोन्स व एंटिक आइटम्स जीएसटी के दायरे में हैं.
गौरतलब है कि आयकर छापों में जैम्स एंड ज्वैलर्स समूह के ठिकानों पर मिली गुफा में बड़े पैमाने पर जैम्स एंड ज्वैलरी व एंटिक आइटम्स के कारोबार का जखीरा मिला है। जैम्स एंड ज्वैलरी का ये अवैध कारोबार इतना बड़ा है की आयकर विभाग के अधिकारियों को जैम्स एंड ज्वैलरी ग्रुप के पूरे कारोबार की जांच करने के लिए पांच दिन कम पड़ गए।