प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
साल 1951 में विश्व भारती विश्वविद्यालय (Vishwa Bharati University) को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया था और उसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में शुमार किया गया था.
- News18Hindi
- Last Updated:
December 24, 2020, 11:16 AM IST
विश्वविद्यालय के पदेन कुलाधिपति प्रधानमंत्री ने इस मौके पर एक संबोधन में कहा कि विश्वभारती की सौ वर्ष यात्रा बहुत विशेष है. विश्वभारती, माँ भारती के लिए गुरुदेव के चिंतन, दर्शन और परिश्रम का एक साकार अवतार है. भारत के लिए गुरुदेव ने जो स्वप्न देखा था, उस स्वप्न को मूर्त रूप देने के लिए देश को निरंतर ऊर्जा देने वाला ये एक तरह से आराध्य स्थल है.
उन्होंने कहा कि विश्वविभारती के 100 वर्ष होना प्रत्येक भारतीय के गौरव की बात है. मेरी लिए भी ये सौभाग्य की बात है कि आज के दिन इस तपोभूमि का पुण्य स्मरण करने का अवसर मिल रहा है.
पर्यावरण संरक्षण में विश्व का नेतृत्व कर रहा भारत- PMपीएम ने कहा कि हमारा देश, विश्व भारतीयों से निकले संदेश को पूरे विश्व तक पहुँचा जा रहा है. भारत आज अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण में विश्व का नेतृत्व कर रहा है. भारत आज इकलौता बड़ा देश है जो पेरिस समझौते के पर्यावरण के लक्ष्यों को प्राप्त करने के सही मार्ग पर है.
रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा साल 1921 में स्थापित विश्व भारती, देश का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है. नोबेल पुरस्कार विजेता टैगोर पश्चिम बंगाल की प्रमुख हस्तियों में गिने जाते हैं. पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.