चीन के प्रस्ताव को भारत ने ठुकराते हुए कहा है कि चोटियों से पीछे नहीं हटेंगे. (सांकेतिक तस्वीर)
एक सैन्य अधिकारी (Military Commander) ने कहा है, ‘चीनी सेना के इस प्रस्ताव को हमने अस्वीकृत कर दिया है. हम चीन को LAC पर शांति बनाए रखने के लिए लिखित नियम का उल्लंघन करने के लिए पुरस्कृत नहीं कर सकते हैं. हम चाहते हैं कि चीनी सेना 5 मई 2020 से पहले जिस स्थान पर थी, वहीं वापस लौट जाए.’
- News18Hindi
- Last Updated:
December 24, 2020, 6:09 AM IST
आठ चोटियों में आधी से ज्यादातर भारत के ही नियंत्रण में थीं
दरअसल यह चीन का यह प्रस्ताव भारत के लिए किसी भी तरह फायदेमंद नहीं हो सकता. 5 मई 2020 को चीनी सैनिकों द्वारा लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC)पर शांति बनाए रखने के लिए 30 साल पहले किए गए लिखित समझौते का उल्लंघन करने से पहले इन आठ चोटियों में आधी से ज्यादातर भारत के ही नियंत्रण में थीं. भारतीय सैनिक इन आठों चोटियों में गश्त करते थे. अब चीनी सेना के कमांडर शांति के नाम पर भारतीय सेना को पीछे जाने का प्रस्ताव देकर करीब छह महीने पहले ही भारत के नियंत्रण में रहे इस इलाके को नो ट्रूप एरिया घोषित करना चाहते हैं.
अभी भारतीय और चीन की पिपुल्स लिबरेशन आर्मी फिंगर-4 पर एक दूसरे के सामने तैनात हैं. उधर, चीन फिंगर-8 तक निर्माण कार्य कर रहा है. भारतीय सेना और चीनी सेना गोग्रा हॉट स्प्रिंग एरिया तक तैनात हैं.’चीनी सेना के इस प्रस्ताव को हमने अस्वीकृत कर दिया है.’
हिंदुस्तान टाइम्स पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक एक सैन्य अधिकारी ने कहा है, ‘चीनी सेना के इस प्रस्ताव को हमने अस्वीकृत कर दिया है. हम चीन को LAC पर शांति बनाए रखने के लिए लिखित नियम का उल्लंघन करने के लिए पुरस्कृत नहीं कर सकते हैं. हम चाहते हैं कि चीनी सेना 5 मई 2020 से पहले जिस स्थान पर थी, वहीं वापस लौट जाए.’ नरवने ने यह बात पूर्वी लद्दाख में तैनात सैनिकों से मिलकर वापस लौटने के बाद कही.
आर्मी चीफ ने किया फारवर्ड एरिया का दौरा
बुधवार को आर्मी चीफ एमएम नरवणे ने पूर्वी लद्दाख के इलाकों का दौरा किया. इनमें कैलाश रेंज की रेजगांग ला और रेचिन चोटियां भी शामिल थीं. यह वही चोटियां हैं जिन पर 29 अगस्त को भारतीय सेनाओं ने कब्जा जमाया था. दरअसल. वहां आर्मी चीफ बर्फीली चोटियों पर तैनात सैनिकों की स्थिति जानने गए थे. उन्होंने लौटकर कहा कि वहां तैनात सभी सैनिक फिट हैं.