जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह की फाइल फोटो
Bihar Election 2020: बिहार में इस बार के चुनाव में राजद (RJD) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) लगातार बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दे को हर मंच से उठा रहे हैं, ऐसे में जेडीयू (JDU) ने दूसरे फेज की वोटिंग से ठीक पहले आरक्षण वाला कार्ड खेल दिया है.
राज्यसभा सांसद मनोज झा ने संसद में सवर्ण आरक्षण को लेकर जो बातें सदन में कही थी वो आज भी बिहार के सवर्ण समुदाय को ये अच्छे से पता है. वशिष्ठ ने कहा कि उस वक़्त जब पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश सिंह ने सवर्ण आरक्षण पर पार्टी के स्टैंड को लेकर विरोध किया था तो उन्हें हाशिए पर कर दिया गया लेकिन आज राजद सवर्ण समुदाय को लुभाने के लिए सबको साथ लेकर चलने की बात कह रही है.
दरअसल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जब सवर्ण समुदाय के लोगों को दस प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की थी तब देश की अधिकांश पार्टियों ने समर्थन किया था लेकिन तब राजद अकेली पार्टी थी जिसने विरोध किया था. अब जब तेजस्वी यादव चुनावी मैदान में है तो A तो Z की पार्टी होने का दावा कर रहे है जिसे लेकर NDA के नेता सवाल पूछ हमला बोल रहे हैं.
राजद की वरिष्ठ नेत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह ने कहा कि JDU के लोग झूठा प्रचार कर रहे हैं . हमारी पार्टी कभी सवर्ण विरोधी नहीं रही है. हमारी पार्टी का मानना है कि जो आर्थिक रूप से बेहद गरीब हैं उन्हें आरक्षण दिया जाए. हमारी पार्टी का मानना है कि सवर्ण समुदाय में भी काफ़ी ग़रीबी है और उन्हेंं भी अगर आर्थिक रूप से आरक्षण मिलेगा तो उनको भी फ़ायदा होगा लेकिन विरोधी लोग झूठा प्रचार कर सवर्ण समुदाय को भ्रमित कर रहे हैं. कांति ने दावा किया कि सवर्ण समुदाय के लोग राजद के साथ मज़बूती से खड़े हैं.वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं कि इस बार के चुनाव में जो परिस्थितियां हैं उसमे सवर्ण समुदाय की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है. राजद भी A To Z की पार्टी कह सवर्ण समुदाय को लुभाने की कोशिश कर रही है , इससे रोकने के लिए NDA सवर्ण आरक्षण का मुद्दा उठा राजद को घेरने की कोशिश कर रही गईं , लेकिन फ़ैसला सवर्ण समुदाय को लेना है की किसके बातों पर वो भरोसा करता है.