हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर
आशा वर्करों (Asha Workers) की आयु सीमा 25 से 45 वर्ष के बीच होगी. इसके साथ ही 60 वर्ष की आयु होने पर सेवाएं समाप्त हो जाएंगी.
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, हरियाणा की हाल ही में आयोजित शासी निकाय की बैठक में चयन मानदंडों को संशोधित किया गया है, जिसमें न्यूनतम प्रदर्शन बेंचमार्क और आशा वर्कर की आयु आधारित नामांकन शामिल किए गए हैं. यह बैठक मुख्य सचिव विजय वर्धन की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी.
अतिरिक्त मुख्य सचिव अरोड़ा ने बताया कि आशा वर्करों के लिए आशा-पे ऐप या पोर्टल के के अमल में आने पर सभी स्तरों पर आशा प्रोत्साहन भुगतान की निगरानी की जाएगी. आशा वर्कर अपने भुगतान और कटौती (यदि कोई हो) की स्थिति के बारे में भी जान सकेंगी. इसके साथ ही आशा वर्करों की न्यूनतम योग्यता 10वीं पास रखी गई है, (मेवात विकास प्राधिकरण के तहत आने वाले क्षेत्र को छोडक़र जैसा कि जिला नूंह और पलवल के ब्लॉक हथीन के लिए जहां न्यूनतम योग्यता कक्षा 8वीं पास होगी).
आयु सीमा 25 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिएइसके अलावा आशा वर्कर के नामांकन की आयु सीमा 25 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए और 1 अप्रैल 2021 से प्रभावी 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद आशा कार्यकर्ताओं की सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी. राज्य में नए आशा वर्कर के नामांकन के लिए अपनाए जाने वाले चयन मानदंडों के तहत अंकों की वरीयता शैक्षिक योग्यता के अनुसार दिया जाएगा. उदाहरण के लिए 10वीं पास को शून्य अंक की वरीयता मिलेगी, जबकि स्नातक या इससे अधिक अंक पाने वाले को 4 अंक मिलेंगे.
आशा वर्कर की अधिकतम आयु सीमा 60 वर्ष
अतिरिक्त सचिव ने आगे बताया कि निवास स्थान के लिए अंक आवंटित किए जाएंगे. यदि आशा वर्कर उसी इलाके से हैं, जहां उन्हें कार्य करना है, तो उन्हें 4 वरीयता अंक दिए जाएंगे, जबकि आशा वर्कर जो उप-केंद्र को कवर करने वाले क्षेत्र की निवासी हैं, को एक अंक की वरीयता दी जाएगी. नामांकन के लिए आशा वर्करों की आयु सीमा भी 25 वर्ष से 45 वर्ष के बीच निर्धारित की गई है. उन्होंने बताया कि आशा वर्कर जो विधवा है, तलाकशुदा है, अलग है, अविवाहित है उसे 2 अंकों की वरीयता मिलेगी. इसके अलावा, आर्थिक स्थिति और संचार कौशल के लिए 4 अंकों की अतिरिक्त वरीयता दी जाएगी. इसके अलावा, आशा वर्कर की अधिकतम आयु सीमा 60 वर्ष निर्धारित की गई है.