बगहा में पति की मौत के कुछ देर बाद पत्नी की भी मौत हो गई
Bagha: पूर्व मुखिया विश्वनाथ सिंह और उनकी पत्नी हेमा सिंह की मौत के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने दोनों की एक साथ अंतिम यात्रा निकाली और एक साथ दाह संस्कार किया.
ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि अग्नि के सात फेरे लेने वाले पति-पत्नी एक साथ चिता को समर्पित होते हैं. साथ जीने और मरने की कसमें तो ढेरों दम्पत्ति खाते हैं, लेकिन ऐसा किसी-किसी के साथ ही हकीकत हो पाता है.
पति की मौत के बाद नहीं जीना चाहती थी पत्नी
पूर्व मुखिया विश्वनाथ सिंह की मौत के बाद से उनकी पत्नी हेमा सिंह बदहवास हो गई थीं. वह एक पल के लिए भी अकेले नहीं जानी चाहती थीं. हेमा को इस बात का अफसोस था कि वह जिंदा है, जबकि पति उन्हें छोड़कर संसार से चले गये. इसी सदमे में बदहवास हेमा सिंह को भी कुछ देर बाद मौत आ गई.एक साथ निकली अर्थी और जलीं चिताएं
पूर्व मुखिया विश्वनाथ सिंह और उनकी पत्नी हेमा सिंह की मौत के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने दोनों की एक साथ अंतिम यात्रा निकाली. और एक साथ दाह संस्कार किया.
अक्सर इस तरह के दृश्य फिल्मों में देखने को मिलते हैं. लेकिन मधुबनीवालों ने हकीकत में इसे देखा. इस दौरान सभी की आंखें नम थीं. और जुबां पर बस यही था कि इसे कहते हैं साथ जीना और साथ मरना. पति के बाद पत्नी हेमा सिंह भी गांव की मुखिया रह चुकी थीं.