पिछले दो चुनावों से इसी तरीके से यहां के लोग इस फैक्ट्री को खोले जाने की मांग कर रहे हैं. (सांकेतिक फोटो)
मोतिहारी की यह चीनी मिल छोटा बरियारपुर इलाके (Bariarpur Locality) में है जो कुछ सालों पहले तक यहां का प्रमुख रोजगार केन्द्र थी.
- News18Hindi
- Last Updated:
November 1, 2020, 2:06 PM IST
दरअसल, ये चीनी मिल जब चालू थी तो इलाके में पूरी क्रेडिट अर्थव्यवस्था इसी से चलती थी. यानि फसल की बुआई से पहले ही एक पर्ची बनती थी जिसके आधार पर जिन कर्मचारियों और किसानों को चीनी मिल से भुगतान मिलना होता था उससे पहले इससे जुड़े उद्योग के लोग सामान लोगों को देते. स्थानीय लोग चुनाव के इस दौर में इस फैक्ट्री के सामने खडे़ होकर इसी तरीके से उम्मीद्वारों के सामने अपनी मांग रख रहे हैं. लोगों ने जनप्रतिनिधी और प्रत्याशियों को ज्ञापन भी सौंपा है.
25000 किसानों और 10000 युवाओं को रोजगार का जरिया मिले
पिछले दो चुनावों से इसी तरीके से यहां के लोग इस फैक्ट्री को खोले जाने की मांग कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने आंदोलन भी किया और तीन साल पहले दो पूर्व कर्मचारियों ने फैक्ट्री के सामने आत्मदाह भी की. लेकिन इसे नहीं खोला जा सका. लोगों के मुताबिक, जबसे इस निजी फैक्ट्री का स्वामित्व बदला है तबसे ये बेरोजगारी की नौबत आई है. ऐसे में सरकार को आगे आकर इस फैक्ट्री को शुरू करवाने के कदम उठाने चाहिए, ताकि 25000 किसानों और 10000 युवाओं को रोजगार का जरिया मिले. स्थानीय निवासी आलोक का कहना है कि जमाना बदल रहा है और तकनीक में उन्नति हो रही है.तो जब ये मिल खुलेगी तो यहां विकास की संभावनाओं को नया आयाम मिलेगा. मौजूदा समय में इस फैक्ट्री के बंद होने से किसान अपने गन्ने की फसल बिचौलियों को बेचते हैं जो उनसे मनमानी कीमत वसूलते हैं. ऐसे में किसानों और कर्मचारियों का बकाया पूरा करने और फैक्ट्री संचालन शुरू करने की मांग इस चुनाव में लोगों ने की है.