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- The High Court Said New People Coming To The Legal Profession Could Not Draft The Case, Nor Could They Speak With Confidence, The Bar Council Should Train Them
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ललित कुमार | चंडीगढ़एक घंटा पहले
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फाइल फोटो
- तीन साल तक नए लॉ कॉलेज खोलने पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रतिबंध को हाईकोर्ट ने किया खारिज
- काउंसिल ने कहा था-प्रोफेशन में हाई स्टैंडर्ड्स को बनाए रखने के लिए कॉलेज की मंजूरी नहीं दी
3 साल तक नए लॉ कॉलेज खोलने पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रतिबंध को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। बार काउंसिल की तरफ से कोर्ट में कहा गया था कि लीगल प्रोफेशन में हाई स्टैंडर्ड्स को बनाए रखने के लिए आने वाले तीन सालों के लिए किसी भी नए लॉ कॉलेज खोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
इसी मामले में जस्टिस रेखा मित्तल ने बुधवार को फैसले में कहा कि- ‘बार काउंसिल ऑफ इंडिया यदि वास्तव में लीगल प्रोफेशन के स्टैंडर्ड्स को उठाना चाहता है तो नए वकीलों के लिए प्रैक्टिकल ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाए। कोर्ट ने फैसले में कहा कि लीगल प्रोफेशन में आने वाले ज्यादातर नए लोग न तो केस ड्राफ्ट कर पा रहे हैं और न ही आत्मविश्वास से कोर्ट में बोल पा रहे हैं। बार काउंसिल नए वकीलों के लिए प्रैक्टिकल ट्रेनिंग की व्यवस्था करे’।
हाईकाेर्ट ने दिए आदेश-तीन महीने में फैसला लें
हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए बार काउंसिल को यथासंभव शीघ्र 3 महीने में सोसायटी के आवेदन पर फैसला लेने के निर्देश दिए हैं।
300 से ज्यादा शिक्षण संस्थान प्रभावित…
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने 11 अगस्त 2019 को प्रस्ताव पारित कर तीन साल के लिए नए कॉलेज खोलने पर मंजूरी नहीं देने का फैसला लिया था। बार काउंसिल के फैसले से देशभर में 300 से ज्यादा संस्थानों को लॉ कॉलेज खोलने की मंजूरी नहीं मिली थी। बार काउंसिल का तर्क था कि जगह-जगह लॉ कॉलेज खुल गए हैं, जिससे लॉ की पढ़ाई के स्टैंडर्ड गिर रहे हैं।
सोसायटी ने कहा था- सभी जगह से मंजूरी ली, लेकिन बार काउंसिल ने मना कर दिया…
चंडीगढ़ एजुकेशनल सोसायटी की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि वे मोहाली के गांव झंजेड़ी में चंडीगढ़ लॉ कॉलेज खोलना चाहते हैं। इसके लिए पंजाब सरकार की जरूरी मंजूरी और सीएलयू ले लिया गया है। पंजाबी यूनिवर्सिटी से भी मान्यता ले ली है।
सोसायटी की तरफ से बीते कई साल से इंजीनियरिंग मैनेजमेंट, कंप्यूटर एप्लीकेशन, एग्रीकल्चर, कॉमर्स, फैशन टेक्नोलॉजी व दूसरे कई अन्य क्षेत्रों में काम किया जा रहा है। इन सबके बावजूद बार काउंसिल ऑफ इंडिया अपनी अनुमति नहीं दे रहा है। याचिका में मांग की गई थी बार काउंसिल को जरूरी अनुमति देने के निर्देश दिए जाएं।