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चंडीगढ़13 घंटे पहले
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कोरोना के चलते पीजीआई में आजकल ओपीडी में ऑनलाइन के अलावा सीमित संख्या में गंभीर मरीजों का फिजिकल इलाज हो रहा है। लेकिन दूर-दराज से ऐसे बहुत से मरीज आते हैं, जिन मरीजों का ऑनलाइन इलाज कराना है। अगर किसी मरीज के पास वॉट्सएप नहीं है तो उसे इलाज कराने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पीजीआई ने एक टेलिफोन नंबर जारी कर रखा है। इस पर मरीजों को फोन करना होता है। इसके बाद डाॅक्टर मरीज का कार्ड वॉट्सएप पर भेज देता है। पीजीआई के अधिकारियों को लगता है कि सभी मरीजों के पास वॉट्सएप होगा। लेकिन असल में ऐसा नहीं है। बहुत से लोग ऐसे हैं, जिनके पास वॉट्सएप नंबर नहीं है। बिहार से चंडीगढ़ पीजीआई आए अवदेश कुमार की पत्नी के किडनी में दिक्कत है। उनका पीजीआई से इलाज चल रहा है।
वे बिहार से चंडीगढ़ की पीजीआई चले आए, लेकिन जब यहां पहुंचे तो उन्हें ओपीडी के बाहर ही रोक दिया गया। कहा कि आपको कार्ड फोन पर ही बनवाना होगा और उस नंबर से जिस पर वॉट्सएप हो। अवदेश कुमार का कहना है कि उनके पास रोटी खाने के लाले पड़ रहे हैं, स्मार्टफोन और वॉट्सएप की सुविधा वाला फोन कहां से लाएं? यही हाल जलालाबाद, पंजाब से आई महिला परमजीत कौर का है।
उनके पति मजदूर हैं। उन्हें मानसिक रोग है। महिला के पास साधारण फोन है। लेकिन उन्हें पीजीआई की तरफ से कहा गया कि गांव में जाकर किसी पड़ोसी के फोन से कॉल करना। इसके बाद ही डाॅक्टर दवाई लिखकर कार्ड की फोटो भेजेगा। ऐसे ही न जाने कितने लोग हैं, जो पीजीआई से खाली हाथ वापस जा रहे हैं। रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए मरीजों को ओपीडी के नंबर पर कई-कई बार फोन करने पड़ते हैं। लेकिन कई-कई दिन तक फोन नहीं मिलता।
समस्या का हल निकाल रहे हैं
हर मरीज के पास वॉट्सएप की सुविधा नहीं है। ऐसी शिकायतें आ रही हैं। इन्हें जल्द सुलझाया जाएगा। मैसेज के जरिए दवाएं लिखने के लिए कहा गया है। जहां तक रजिस्ट्रेशन के लिए नंबर नहीं मिलने का सवाल है तो लाइनें बढ़ा दी गई हैं। कोशिश रहेगी कि मरीजों को किसी तरह की दिक्कत न हो।
प्रो. जगत राम, डायरेक्टर पीजीआई