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चंडीगढ़14 घंटे पहले
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चंडीगढ़ की सबसे महंगी हाउसिंग स्कीम का अभी भी रास्ता क्लीयर होता नहीं दिख रहा है। इसका बड़ा कारण ये है कि प्रशासन ने तीसरी बार चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के इस स्कीम के लिए फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) को बढ़ाने से मना कर दिया है। इस जनरल हाउसिंग स्कीम के तहत बनने वाले मकानों के रेट ज्यादा होने के चलते ये एफएआर बढ़ाने के लिए सीएचबी ने प्रशासन से मांग की थी।
लेकिन अब वहां से तीसरी बार मना होने के बाद इस स्कीम को रद्द किया जा सकता है। इसका कारण ये कि बोर्ड पहले ही प्रशासन को लिखकर दे चुका है कि इतने ज्यादा रेट पर इस स्कीम के मकान बेचना मुश्किल है, क्योंकि जो सर्वे पहले करवाया गया था, उसमें भी ज्यादा लोगों ने इसके लिए अप्लाई नहीं किया था।
चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड इस स्कीम के लिए 2 एफएआर की मांग कर रहा है जबकि प्रशासन की तरफ से मंजूरी सिर्फ 1.5 एफएआर की ही दी गई है। हाउसिंग स्कीम में मकानों के रेट बहुत ज्यादा तय किए गए थे।
शुरू में थ्री बेडरूम फ्लैट का रेट यहां पर 1.79 करोड़ रुपए का तय किया गया था, जबकि ईडब्ल्यूएस का फ्लैट 50 लाख रुपए में। अगर एफएआर बढ़ाने की मंजूरी बोर्ड को मिल जाती तो इससे ज्यादा फ्लैट्स बन सकते थे और कीमतों में 20-25 फीसदी की कमी हो पाती।
सेक्टर-53 में बनने हैं 492 मकान
सेक्टर-53 में ये कुल 492 मकान बनने हैं।
थ्री बेडरूम की 1.79 करोड़ रुपए कीमत, टू बेडरूम फ्लैट की कीमत 1.47 करोड़ रुपए, ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के फ्लैट की कीमत 50 लाख रुपए, जबकि वन बेडरूम फ्लैट की कीमत 94 लाख रुपए तय की गई थी।
इसके बाद नो प्रोफिट नो लाॅस पर इस स्कीम को लॉन्च करने की तैयारी की गई।
रेट रिव्यू किए जिसमें थ्री बेडरूम की कीमत 1.50 करोड़ रुपए, टू बैडरूम फ्लैट का रेट 1.28 करोड़़ रुपए, वन बेडरूम फ्लैट की कीमत 86 लाख रुपए, जबकि ईडब्ल्यूएस फ्लैट की कीमत 50 लाख रुपए की गई। तब भी इसके लिए लोगों का रिस्पाॅन्स नहीं मिला।